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मैं रूठूं तो तुम मना लेना, तुम रूठो तो मैं मना लूंगी। यह जिंदगी का सफ़र युं ही गुजर जाएगा... #photography #photooftheday #photochallenge #viralphoto

  एनिवर्सरी का दिन था | पति पत्नी एक - दूसरे को नंगा कर रहे थे। कई लोग उनकी एनिवर्सरी मनाने के लिए उनके घर आए हुए थे। इतने लोगों के बीच वे एक-दूसरे का मज़ाक बना रहे थे, लेकिन बात कब बिगड़ने लगी किसी को पता ही नहीं चला। धीरे-धीरे मज़ाक एक-दूसरे की बेइज्जती तक पहुंच गया। अब वे एक-दूसरे को नीचा दिखाने लगे। पार्टी में आए हुए बाकी लोग सिर्फ तमाशा देखकर खुश हो रहे थे। किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की, उल्टा सब हंस रहे थे। लेकिन हद तो तब पार हो गई जब पत्नी ने यह कह दिया "तुम्हारी औकात ही क्या है मेरे सामने !" यह सुनकर पूरा माहौल सन्नाटे में बदल गया। पति निशब्द हो गया। जो लोग पास में हंस रहे थे, वे सब एकदम से चुप हो गए। इस पूरी शांति के बीच एक महिला सामने आई। वह महिला उस पत्नी रश्मि की सहेली थी। पति का नाम राहुल और पत्नी का नाम रश्मि था। सहेली ने रश्मि का हाथ पकड़ा और बोर्ड के पास ले जाकर उसे एक मार्कर थमा दिया। रश्मि ने पूछा "यह क्या है? मुझे यहां क्यों लाई हो? मुझे कुछ लिखना है क्या?" सहेली बोली "हां, एक काम करो। तुम बोर्ड पर 15 ऐसे लोगों के नाम लिखो जो तुम्हार...

आलोक राज जी ने बताया 4th Grade भर्ती के बारे में महत्वपूर्ण बाते : जान लो नहीं तो बाद मे पछताना पड़ेगा

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  4th class परीक्षा से पहले और बाद में पुराने पेपर, संभावित प्रश्नों को डिसकस करें, कोई दिक्कत नहीं।  1. क्या जरूरी है कि 19 से 21 सितंबर को ही संभावित/आए प्रश्नों को सोशल मीडिया पर डिसकस करें? 2. क्या हर विषय पर कानून लाना होगा? क्या हमारी अपनी युवाओं के प्रति कोई जिम्मेवारी नहीं? आलोक राज जी ने ये भी खुलासा किया कि : 4th class exam के 25 लाख कैंडिडेट्स के फोटोज का जब हमने सॉफ्टवेयर से फोटो मैच करवाया तो पता लगा 1700 कैंडिडेट्स की फोटोज एक से ज्यादा फोटो या नामों से मैच हो रही हैं। यदि ये वास्तव में मुन्नाभाई -मुन्नीबहिन DBBS (डमी भाई बहिन साब) हैं तो ये सावधान रहें। ये मैसेज सबसे शेयर करें। साथ ही आलोक जी ने बताया कि :  board ने इस संबंध में नोटिस निकाला है। सभी से अनुरोध है कि जिम्मेवारी निभाते हुए 19 से 21 सितंबर शाम तक 4th class exam के हुए पेपर्स, प्रश्न और आगे संभावित प्रश्न, उत्तर सोशल मीडिया पर डिसकस न करें। मुझे उम्मीद है सभी बेरोजगार युवा हितैषी इस पर अमल करेंगे।

जब मृत्यु का समय निकट आया तो पिता ने अपने एकमात्र पुत्र धर्मपाल को बुलाकर कहा

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जब मृत्यु का समय निकट आया तो पिता ने अपने एकमात्र पुत्र धर्मपाल को बुलाकर कहा कि,  बेटा मेरे पास धन-संपत्ति नहीं है कि मैं तुम्हें विरासत में दूं। पर मैंने जीवनभर सच्चाई और प्रामाणिकता से काम किया है।  तो मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हूं कि, तुम जीवन में बहुत सुखी रहोगे और धूल को भी हाथ लगाओगे तो वह सोना बन जायेगी। बेटे ने सिर झुकाकर पिताजी के पैर छुए। पिता ने सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और संतोष से अपने प्राण त्याग कर दिए। अब घर का खर्च बेटे धर्मपाल को संभालना था। उसने एक छोटी सी ठेला गाड़ी पर अपना व्यापार शुरू किया।  धीरे धीरे व्यापार बढ़ने लगा। एक छोटी सी दुकान ले ली। व्यापार और बढ़ा। अब नगर के संपन्न लोगों में उसकी गिनती होने लगी। उसको विश्वास था कि यह सब मेरे पिता के आशीर्वाद का ही फल है।  क्योंकि, उन्होंने जीवन में दु:ख उठाया, पर कभी धैर्य नहीं छोड़ा, श्रद्धा नहीं छोड़ी, प्रामाणिकता नहीं छोड़ी इसलिए उनकी वाणी में बल था। और उनके आशीर्वाद फलीभूत हुए। और मैं सुखी हुआ। उसके मुंह से बारबार यह बात निकलती थी।   एक दिन एक मित्र ने पूछा: तुम्हारे पिता में इतना बल था...