हनुमान जी के बारे तो आप सभी अवगत होंगे। हमारे हिन्दू धर्म मे हर जगह हनुमान जी का डंका बजता है। हनुमान जी कलियुग में भी जीवित है। क्युंकी माता सीता ने उनको अजर अमर अविनाशी होने का वरदान दिया था। आज हम हनुमान जी के द्वादश मंत्र का जाप करेंगे। ।। श्री हनुमान जी द्वादश नाम स्त्रोत।। हनुमानञ्जनीसुनूर्वायुपुत्रो महाबलः। रामेष्टः फाल्गुनसखः पिङ्गाक्षोऽमितवि क्रमः।। उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशनः। लक्ष्मणप्राणदाताश्च दशग्रीवस्य दर्पहा।। एवं द्वादश नामानि कपिन्द्रस्य महात्मनः। स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च यः पठेत्।। तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्। राजद्वारे गह्ररे च भयं नास्ति कदाचन।। हनुमान जी के 12 नाम :- 1. हनुमान 2. अंजनी पुत्र 3. वायु पुत्र 4. महाबली 5. रामेष्ट (राम है इष्ट जिनके) 6. फाल्गुनसख 7. पिङ्गाक्ष 8. अमितविक्रम 9. उदधिक्रमण 10. सीताशोकविनाशन 11. लक्ष्मणप्राणदाता 12. दशग्रीवस्य दर्पहा हनुमान जी के इन नामों का जाप करने से वो हमारे हर कष्टों को दूर कर देते हैं। Shiv ji ki aarti Mahamr...
श्री बटुक भैरव जी आरती जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा । जय काली और गौरा देवी कृत सेवा ॥ तुम्हीं पाप उद्धारक, दुःख सिन्धु तारक। भक्तों के सुख कारक, भीषण वपु धारक ॥ वाहन श्वान विराजत कर त्रिशुल धारी। महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयहारी॥ तुम बिन देवा सेवा सफल नही होवे। चौमुख दीपक दर्शन दुःख सगर खोवे॥ तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावली तेरी। कृपा करिये भैरव करिये नहीं देरी॥ पांव घुंघरु बाजत अरु डमरु डमकावत। बटुकनाथ बन बालक जन मन हरषावत ॥ बटुकनाथ की आरती जोकोई नर गावे। कहे धरणीधर नर मनवंछित फल पावे ॥ श्री बटुक भैरव जी महाराज बटुक भैरव भगवान महाकाल का बाल रूप माना जाता है जिसे आनंद भैरव भी कहा जाता है। बटुक भैरव की पूजा और आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। बटुक भैरव जी महाराज एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनकी साधना से शनि का प्रकोप भी शांत होता है। आप सभी जानते होंगे कि भैरव जी की सवारी कुत्ते को माना जाता है, इसीलिए कभी भी कुत्ते को दुत्कारे नहीं और उसे भरपेट भोजन कराएं। श्री बटुक भैरव जी महाराज भैरव बाबा की पूजा आराधना करने से साधक अपनी अकाल मौत से बच सकते हैं और भैरव बाबा उन्हें...
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