नाराज उसी से होना चाहिए
नाराज उसी से होना चाहिए
जो तुम्हारी अहमियत समझता हो..
जिसे फर्क पड़े तुम्हारे चुप होने से,
तुम्हारे रोने से जो तुम्हारे एहसासों की कदर करता हो..
वही तुम्हारे खामोश लफ्जो को सुन पाएगा
जिसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता,
उसके लिए तुम्हारी नाराजगी
एक खामोशी बनकर रह जाएगी
इसीलिए गुस्सा उसी पे जाया करो
जो तुम्हें खोने से डरता हो
जो तुम्हें मनाने के लिए वक्त निकालता हो..
क्योंकि नाराजगी वहीं मायने रखती है,
जहां रिश्तों की कद्र होती है...!!😥💯
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें