वह मातृभूमि का रखवाला (महाराणा प्रताप)
वह मातृभूमि का रखवाला (महाराणा प्रताप)
वह मातृभूमि का रखवाला आन-बान,पर मिटने वाला,
स्वतंत्रता की वेदी पर जिसने सब कुछ था दे डाला।
स्वाभिमान का अटल हिमाला, कष्टों से कब डिगने वाला,
जो सोच लिया कर दिखलाया ऐसा प्रताप हिम्मत वाला। -
थे कई प्रलोभन, झुका नहीं, आँधी तूफां में रुका नहीं,
आजादी का ऐसा सूरज उजियारा जिसका चुका नहीं।
वह नीले घोड़े का सवार वह हल्दीघाटी का जुझार,
वह इतिहासों का अमर पृष्ठ मेवाड़ शौर्य का वह अंगार।
धरती जागी, आकाश जगा वह जागा तो मेवाड़ जगा,
वह गरजा, गरजी दसों दिशा था पवन रह गया ठगा-ठगा।
हर मन पर उसका था शासना पत्थर-पत्थर था सिहासन,
महलों से नाता तोड लिया थी सारी वसुधा राजभवन।
महाराणा प्रताप वह जन-जन का उन्नायक था वह सबका भाग्य विधायक था, सेना थी उसके पास नहीं फिर भी वह सेनानायक था।
महाराणा प्रताप वह जन-जन का उन्नायक था वह सबका भाग्य विधायक था, सेना थी उसके पास नहीं फिर भी वह सेनानायक था।
जंगल-जंगल में वह घूमा काँटों को बढ़-बढ़ कर चूमा,
जितनी विपदाएँ प्रखर हुईं उतना ही ज्यादा वह झूमा।
सब विपक्ष में था उसके बस, सत्य पक्ष में था उसके,
समझौता उसने नहीं किया जाने क्या मन में था उसके।
वह सत्यपथी, वह सत्यकृती, वह तेजपुंज, वह महाधृती,
वह शौर्यपुंज) भू की थाती वह महामानव, वह महाव्रती।
महाराणा प्रताप हमारे आदर्श है
जवाब देंहटाएंउनको शत शत नमन
जी भाई वो अपने ही नहीं सभी के आदर्श है
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