shiv ji ki aarti, om jai ahiv omkara/ शिव जी की आरती, ओम जय शिव ओंकारा, bholenath ki aarti mahadev ki aarti
शिव जी की आरती को मन से पूरी श्रद्धा के साथ गाने पर भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।
कहते हैं कि भोलेनाथ से अधिक दयालू कोई भी नहीं है, वे अपने भक्तों के कष्टों को पल भर मे हर लेते हैं।
भोलेनाथ की कृपा हमेशा आप सब पर बनी रहे।
हर हर महादेव 🙏 🙏
जय भोलेनाथ 🙏 🙏
"शिव जी की आरती"
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी हर शिव ओंकारा।
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अर्धांगी, धारा।।
ओम जय शिव ओंकारा...
एकानन चतुरानन पंचानन राजे, स्वामी पंचांनन राजे।
हंसासन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे।।
ओम जय शिव ओंकारा...
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज ते सोहे, स्वामी दस भुज ते सोहे।
त्रिगुण रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे।।
ओम जय शिव ओंकारा...
अक्षमाला वनमाला रुंडमाला धारी, स्वामी रुंडमाला धारी।
चंदन मृग मधु सोहे भोले शशिधारी।।
ओम जय शिव ओंकारा...
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे, स्वामी बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुडादिक भुतादिक संगे।
ओम जय शिव ओंकारा...
करके मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता, स्वामी चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता, जगहर्ता, जगपालन कर्ता।।
ओम जय शिव ओंकारा...
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका, स्वामी जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्य यह तीनों एका।।
ओम जय शिव ओंकारा...
काशी में विश्वनाथ विराजे नंदी ब्रह्मचारी, स्वामी नंदी ब्रह्मचारी।
नित उठ भोग लगावत महिमा अति भारी।।
ओम जय शिव ओंकारा...
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई जन गावे, स्वामी जो कोई जन गावे।
कहत शिवानंद स्वामी मन वांछित फल पावे।।
ओम जय शिव ओंकारा...
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी हर शिव ओंकारा।
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अर्धांगी, धारा।।
ओम जय शिव ओंकारा...
महादेव बाबा की जय 🙏🙏
पार्वतीपते हर हर महादेव 🙏 🙏
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें