"श्री हनुमान बजरंग बाण" / shree hanuman bajrang baan/ जय हनुमंत संत हितकारी/निश्चय प्रेम प्रतीति ते/ jay hanumant sant hitkari / godavari hanumanji maharaj

श्री हनुमान बजरंग बाण का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

रोज सुबह स्नान करने के पश्चात्‌ भगवान की पूजा करने के पश्चात्‌ बैठ कर श्री हनुमान बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।


Godavari hanuman ji maharaj kota

"श्री हनुमान बजरंग बाण"

 

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करें सनमान ।।

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान ।।


जय हनुमंत संत हितकारी ।
सुन लीजै प्रभु विनय हमारी ।।
जन के काज बिलंब न कीजै ।
आतुर दौरि महा सुख दीजै
जैसे कृदि सिंधु के पारा ।
सुरसा बदन पैठि विस्तारा
आगे जाय लंकनी रोका
मारेहु लात गई सुरलोका ।।
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा ।
सीता निरीख परमपद लीन्हा ।।
बाग उजारि सिंधु महँ बौरो ।
अति आतुर जमकातर तोरा ।।
अक्षय कुमार मारि संहारा ।
लूम लपेटि लंक को जारा
लाह समान लंक जर गई ।
जय जय धुनि सुरपुर नभ भई
अब बिलंब केहि कारन स्वामी
कृपा करहु उर अंतरयामी ।।
जय जय लखन प्रान के दाता ।
आतुर हवै दुख करहु निपाता ।।
जै हनुमान जयति बल सागर ।
सुर-समूह-समरथ भटनागर ।।
ॐ हनु हनु हनु हनुमत हठीले ।
बैरिहि मारू बज्र की कीले ।।
ॐ ह्री ही ही हनुमंत कपीसा ।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा ।।
जय अंजनि कुमार बलवंता ।
शंकरसुवन वीर हनुमंता ।।
बदन कराल काल कुल घालक ।
राम सहाय सदा प्रतिपालक ||
भूत प्रेत पिसाच निसाचर ।
अगनि बेताल काल मारी मर ।।
इन्हें मारू, तोहि सपथ राम की
राखु नाथ मरजाद नाम की ।
सत्य होहु हरि सपथ पाई के
राम दूत धरू मारू धाड़ के
जय जय जय हनुमंत अगाधा ।
दुख पावत जन केहि अपराधा ।।
पूजा जप तप नेम अचारा ।
नहि जानत कछु दास तुम्हारा ।।
बन उपबन मग गिरी गृह माहि ।
तुम्हरे बल ही डरपत नाहि ।।
जनकसुता हरि दास कहावौ ।
ताकि सपथ बिलंब न लावी ।
जय जय जय धुनि होत अकासा ।
सुमरित होय दुसह दुख नासा ।।
चरन पकरि कर जोरि मनावौ ।
यहि अवसर अब केहि गोहरावौ ।।
उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई ।
पाँव परौ, कर जोरि मनाई ।।
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता ।
ॐ हनु हनु हनु हनुमता
ॐ हं हं हाँक देते कपि चंचल ।
ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल
अपने जन को तुरत उधारी ।
समिरत होय आनंद हमारी ।।
यह बजरंग बाण जेहि मारै ।
ताहि कही फिरि कवन उबारै
पाठ करै बजरंग बाण की।
हनुमत रक्षा करे प्रान की
यह बजरंग बाण जो जायें ।
तासों भूत-प्रेत सब कांपै
धूप देय जो जपै हमेसा ।
ताके तन नहि रहे कलेसा


उर प्रतीति दृढ़ सरन है, पाठ करै धरि ध्यान ।।
बाधा सब हर करें, सब काम सफल हनुमान ।।


🙏🙏🙏🙏
🙏हर हर महादेव🙏
🙏माता दुर्गा की जय 🙏
🙏सियावर रामचंद्र की जय🙏
🙏पवनसुत हनुमान की जय🙏
🙏उमापति महादेव की जय🙏

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