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प्रेमानंद जी महाराज के पास आए एक व्यक्ति की कहानी:

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**कथा: "सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता"**

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**कथा: "सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता"** बहुत समय पहले की बात है। द्वारका नगरी के राजा भगवान श्रीकृष्ण थे, जो न्याय, प्रेम और करुणा के प्रतीक माने जाते थे। वे केवल एक राजा नहीं थे, बल्कि ईश्वर के अवतार थे। उसी समय, एक दूर गाँव में एक निर्धन ब्राह्मण रहता था — उसका नाम था सुदामा। सुदामा और श्रीकृष्ण बचपन के मित्र थे। वे दोनों गुरुकुल में एक साथ पढ़ते थे। बाल्यावस्था में उन्होंने अनेक दिन एक साथ बिताए थे — एक ही थाली में भोजन किया, एक ही आसन पर बैठे और अनेक बार जंगल से लकड़ियाँ लाए। लेकिन जीवन की राहें उन्हें अलग कर गईं। श्रीकृष्ण द्वारका के राजा बन गए और सुदामा एक साधारण गृहस्थ ब्राह्मण रह गए। सुदामा की पत्नी सुशीला अत्यंत धार्मिक और पतिव्रता स्त्री थी। समय बीतता गया और गरीबी ने सुदामा के घर को पूरी तरह घेर लिया। कभी-कभी तो उनके घर में अन्न का एक दाना भी नहीं होता। लेकिन सुदामा हमेशा ईश्वर का भजन करते रहते, उन्हें किसी बात का दुख नहीं होता। वे कहते, “जो भी होता है, भगवान की इच्छा से होता है। जो देगा, वही कृष्ण देगा।” लेकिन पत्नी को यह सब सहन नहीं होता। एक दिन उसने सुदामा से क...

पवित्र रीढ़ की वापसी:जैकब की सीढ़ी,33 कशेरुकाएँ, और मसीह का पुनरुत्थान, कुंडलिनी कोड: प्रकाश का सर्प

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  पवित्र रीढ़ की वापसी: जैकब की सीढ़ी, 33 कशेरुकाएँ, और मसीह का पुनरुत्थान हमारे भीतर एक रीढ़ उभर रही है। सिर्फ़ जैविक नहीं, बल्कि ईथर की सीढ़ी - आंतरिक जैकब की सीढ़ी जो हमारे आदिम कुंडल को सर्वोच्च स्मरण के प्रकाश से जोड़ती है। और हम चढ़ना शुरू कर रहे हैं। यह लेख पुल पर चलने वालों के लिए एक जीवंत स्क्रॉल है, जो न केवल कुंडलिनी रहस्यों और रीढ़ की हड्डी की सक्रियता को याद करता है, बल्कि पुनरुत्थान के अर्थ को पुनः प्राप्त करता है। जैकब की सीढ़ी: शरीर में एक सीढ़ी बाइबिल की कहानी जैकब के सपने में स्वर्ग तक पहुँचने वाली एक सीढ़ी को दर्शाती है, जिसमें स्वर्गदूत धरती और आकाश के बीच चढ़ते और उतरते हैं। लेकिन यह दृष्टि केवल दिव्य पहुँच के लिए एक रूपक नहीं थी। यह एक रहस्यमय पुल के रूप में मानव रीढ़ का रहस्योद्घाटन था: 33 कशेरुकाएँ, जड़ से मुकुट तक चढ़ती हुई, एक दिव्य सीढ़ी। प्रत्येक कशेरुका एक द्वार है। प्रत्येक द्वार, एक स्मृति। उठने के लिए, हमें याद रखना चाहिए। कुंडलिनी कोड: प्रकाश का सर्प रीढ़ की हड्डी के आधार पर, कुंडलित सर्प प्रतीक्षा करता है। पूर्वी परंपराओं में कुंडलिनी के रूप में ...

"हनुमान जी का चमत्कार" एक सच्ची घटना || भक्ति मे शक्ति का एक और उदाहरण

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एक सत्य घटना जो किसी ने नहीं बताया है✍️✍️  मंदिर परिसर में लगे ठंडे पानी की मशीन के पास बैठा एक छोटा सा वानर मुंह में दो बिजली के तारों को लिए चबाए जा रहा था, मानों कोई फल हो। पूरा मंदिर खाली करा लिया गया था, एक एक श्रद्धालु और एक एक दर्शनार्थी। केवल पुलिस बल और बम निरोधक दस्ता वहां उस समय हनुमान गढ़ी मंदिर के भीतर था, और वे सभी के सभी उस छोटे से वानर को बिजली का तार चबाते हुए देख रहे थे। पर मंदिर पूरा खाली क्यों था और पुलिस के साथ में बम निरोधक दस्ता वहां क्या कर रहा था? इसे थोड़े से में बता रहा हूं क्योंकि 1998 में घटी ये सत्य घटना आज तक किसी अखबार या न्यूज चैनल में ये घटना दिखाई नही गई है अयोध्या के अति संवेदनशील होने के कारण। साल 1998 में करीब बीस किलो आरडीएक्स अयोध्या में आने की खबर उत्तरप्रदेश की एसटीएफ यानी विशेष पुलिस दस्ते को लगी थी, जिसमे से अधिकांशतः आरडीएक्स को समय रहते पुलिस की मुस्तैदी से जब्त कर लिया गया और अयोध्या में किसी प्रकार का धमाका नही हुआ। परन्तु एक आतंकी बम निरोधक दस्ते का भेष बनाकर अयोध्या के सबसे प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर में घुस गया और उसने टाइमर सेट करक...

प्रयाग राज महाकुंभ की महिमा

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  प्रयाग राज महाकुंभ की महिमा महाकुंभ को बदनाम करने की झूठी वीडियो बनाने वाले 54 सोशल मीडिया अकाउंट पर FIR दर्ज की गयी है साज़िशों पर आस्था आज भी भारी है,  तभी तो कुम्भ मे करोडों लोगों का स्नान आज भी जारी है। प्रयागराज के संगम में आकर महाकुंभ के इस अद्भुत दृश्य का हिस्सा बनना एक अविस्मरणीय अनुभव है। महाकुंभ 🔱 ये एक ऐसी अनुभूति है जो शब्दों से व्यक्त नहीं की जा सकती…. जो यहाँ आया ,बस वही इसको महसूस कर पाया । हर हर महादेव  हर हर गंगे महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ के कारण, प्रशासन ने दारागंज रेलवे स्टेशन और संगम जंक्शन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। प्रयागराज महाकुम्भ में 24 जनवरी 2025 को हुए  ड्रोन शो की कुछ तस्वीरें...

हनुमान जी को पसन्द है यह मंत्र, अगर आप इस मंत्र का रोज जाप करते हैं तो हनुमान जी आपसे अवश्य प्रसन्न होंगे

 हनुमान जी को पसन्द है यह मंत्र, मंत्र है चमत्कारी,  अगर आप इस मंत्र का रोज जाप करते हैं तो हनुमान जी आपसे अवश्य प्रसन्न होंगे जानिये क्या है वो मंत्र : राम रामेति रामेति रमै रामे मनोरमे सहस्त्र नाम ततुल्यं  श्री राम नाम वरानने। इस मंत्र की रचना स्वयं महादेव जी ने की थी।