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आलोक राज जी ने बताया 4th Grade भर्ती के बारे में महत्वपूर्ण बाते : जान लो नहीं तो बाद मे पछताना पड़ेगा

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  4th class परीक्षा से पहले और बाद में पुराने पेपर, संभावित प्रश्नों को डिसकस करें, कोई दिक्कत नहीं।  1. क्या जरूरी है कि 19 से 21 सितंबर को ही संभावित/आए प्रश्नों को सोशल मीडिया पर डिसकस करें? 2. क्या हर विषय पर कानून लाना होगा? क्या हमारी अपनी युवाओं के प्रति कोई जिम्मेवारी नहीं? आलोक राज जी ने ये भी खुलासा किया कि : 4th class exam के 25 लाख कैंडिडेट्स के फोटोज का जब हमने सॉफ्टवेयर से फोटो मैच करवाया तो पता लगा 1700 कैंडिडेट्स की फोटोज एक से ज्यादा फोटो या नामों से मैच हो रही हैं। यदि ये वास्तव में मुन्नाभाई -मुन्नीबहिन DBBS (डमी भाई बहिन साब) हैं तो ये सावधान रहें। ये मैसेज सबसे शेयर करें। साथ ही आलोक जी ने बताया कि :  board ने इस संबंध में नोटिस निकाला है। सभी से अनुरोध है कि जिम्मेवारी निभाते हुए 19 से 21 सितंबर शाम तक 4th class exam के हुए पेपर्स, प्रश्न और आगे संभावित प्रश्न, उत्तर सोशल मीडिया पर डिसकस न करें। मुझे उम्मीद है सभी बेरोजगार युवा हितैषी इस पर अमल करेंगे।

जब मृत्यु का समय निकट आया तो पिता ने अपने एकमात्र पुत्र धर्मपाल को बुलाकर कहा

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जब मृत्यु का समय निकट आया तो पिता ने अपने एकमात्र पुत्र धर्मपाल को बुलाकर कहा कि,  बेटा मेरे पास धन-संपत्ति नहीं है कि मैं तुम्हें विरासत में दूं। पर मैंने जीवनभर सच्चाई और प्रामाणिकता से काम किया है।  तो मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हूं कि, तुम जीवन में बहुत सुखी रहोगे और धूल को भी हाथ लगाओगे तो वह सोना बन जायेगी। बेटे ने सिर झुकाकर पिताजी के पैर छुए। पिता ने सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और संतोष से अपने प्राण त्याग कर दिए। अब घर का खर्च बेटे धर्मपाल को संभालना था। उसने एक छोटी सी ठेला गाड़ी पर अपना व्यापार शुरू किया।  धीरे धीरे व्यापार बढ़ने लगा। एक छोटी सी दुकान ले ली। व्यापार और बढ़ा। अब नगर के संपन्न लोगों में उसकी गिनती होने लगी। उसको विश्वास था कि यह सब मेरे पिता के आशीर्वाद का ही फल है।  क्योंकि, उन्होंने जीवन में दु:ख उठाया, पर कभी धैर्य नहीं छोड़ा, श्रद्धा नहीं छोड़ी, प्रामाणिकता नहीं छोड़ी इसलिए उनकी वाणी में बल था। और उनके आशीर्वाद फलीभूत हुए। और मैं सुखी हुआ। उसके मुंह से बारबार यह बात निकलती थी।   एक दिन एक मित्र ने पूछा: तुम्हारे पिता में इतना बल था...

नांव का छेद

  एक आदमी ने एक पेंटर को बुलाया अपने घर, और अपनी नाव दिखाकर कहा कि इसको पेंट कर दो ! वह पेंटर पेंट लेकर उस नाव को पेंट कर दिया, लाल रंग से जैसा कि नाव का मालिक चाहता था। फिर पेंटर ने अपने पैसे लिए और चला गया ! अगले दिन, पेंटर के घर पर वह नाव का मालिक पहुँच गया, और उसने एक बहुत बड़ी धनराशी का चेक दिया उस पेंटर को ! पेंटर भौंचक्का हो गया, और पूछा - ये किस बात के इतने पैसे हैं ? मेरे पैसे तो आपने कल ही दे दिया था ! मालिक ने कहा - ये पेंट का पैसा नहीं है, बल्कि ये उस नाव में जो "छेद" था, उसको रिपेयर करने का पैसा है ! पेंटर ने कहा - अरे साहब, वो तो एक छोटा सा छेद था, सो मैंने बंद कर दिया था। उस छोटे से छेद के लिए इतना पैसा मुझे, ठीक नहीं लग रहा है ! मालिक ने कहा - दोस्त, तुम समझे नहीं मेरी बात !अच्छा में विस्तार से समझाता हूँ। जब मैंने तुम्हें पेंट के लिए कहा तो जल्दबाजी में तुम्हें ये बताना भूल गया कि नाव में एक छेद है उसको रिपेयर कर देना ! और जब पेंट सूख गया, तो मेरे दोनों बच्चे उस नाव को समुद्र में लेकर नौकायन के लिए निकल गए ! मैं उस वक़्त घर पर नहीं था, लेकिन जब लौट कर आया और अ...

James Webb Space Telescope (JWST), Deep Field (SMACS 0723), Carina Nebula, Stephan’s Quintet, Southern Ring Nebula, Exoplanet WASP-96b का Spectrum

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  James Webb Space Telescope (JWST) ने अब तक ब्रह्मांड की जो तस्वीरें भेजी हैं, वो इंसानी इतिहास की सबसे साफ, गहरी और रहस्यमयी अंतरिक्ष हैं। इन तस्वीरों ने वैज्ञानिकों की सोच को हिला कर रख दिया है।  1. Deep Field (SMACS 0723) – सबसे गहरी झलक ब्रह्मांड की यह पहली तस्वीर थी जो JWST ने रिलीज़ की। इसमें ब्रह्मांड के इतने पुराने हिस्से दिखाए गए हैं कि वे बिग बैंग के 30 करोड़ साल बाद के हैं।  2. Carina Nebula – तारों का जन्मस्थल यह एक विशाल नेब्युला (गैस और धूल का बादल) है जिसमें नई तारों की रचना हो रही है।  3. Stephan’s Quintet – 5 आकाशगंगाओं का झुंड 5 गैलेक्सियों का यह समूह एक-दूसरे से टकरा रहा है। 🌪️ 4. Southern Ring Nebula – मरते हुए सितारे की राख यह एक dying star (white dwarf) का नेब्युला है। 🪐 5. Exoplanet WASP-96b का Spectrum – दूसरे ग्रह के वायुमंडल में पानी! 🤯 वैज्ञानिकों के लिए सबसे चौंकाने वाली बात: JWST ने कुछ ऐसी गैलेक्सियाँ भी दिखाई हैं जो इतनी पुरानी और विकसित हैं कि उन्होंने बिग बैंग के नियमों को ही चुनौती दे दी। क्योंकि इतनी जल्दी इतने बड़े और भा...

हिंदुआ सूरज #महाराणा_प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी:-

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  हिंदुआ सूरज #महाराणा_प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी:- 1... महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे। 2.... जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे । तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि- हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर आए ? तब माँ का जवाब मिला- ”उस महान देश की वीर भूमि हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना, जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ।”  लेकिन बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था |  “बुक ऑफ़ प्रेसिडेंट यु एस ए ‘ किताब में आप यह बात पढ़ सकते हैं | 3.... महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलोग्राम था और कवच का वजन भी 80 किलोग्राम ही था| कवच, भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था। 4.... आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं | 5.... अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है, तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे, पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी| लेकिन महाराणा प्रताप ने किसी की भी अध...

हमारा सूरज उन 200 बिलियन तारों में से सिर्फ एक है...#galaxy #milkyway #universe #cosmicperspective #spacefacts #AstroVibes #earth #Sun #Stars #DidYouKnow #sciencedaily #mindblowingfacts #hamarauniverse #spacelovers #spaceexploration #viralpost #reelkarofeelkaro #hindifacts #ज्ञान #ब्रह्मांड #ScienceInHindi #universeinhindi

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 🌌 सोचो ... हमारा सूरज उन 200 बिलियन तारों में से सिर्फ एक है... और 🌍 पृथ्वी उन 3.2 ट्रिलियन ग्रहों में से सिर्फ एक – जहाँ ज़िंदगी है। इतनी बड़ी आकाशगंगा में हम कितने छोटे हैं, और फिर भी कितने ख़ास। #stayhumble 💫 🌠 जानकारी (Knowledge bite): हमारी आकाशगंगा – मिल्की वे – में लगभग 200 अरब तारे हैं, और वैज्ञानिक मानते हैं कि हर तारे के चारों ओर कई ग्रह हो सकते हैं। इस तरह, 3.2 ट्रिलियन से भी ज्यादा ग्रह केवल हमारी गैलेक्सी में हैं। लेकिन आज तक केवल पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन पाया गया है। #galaxy #milkyway #universe #cosmicperspective #spacefacts #AstroVibes  #earth #Sun #Stars #DidYouKnow #sciencedaily #mindblowingfacts   #hamarauniverse #spacelovers #spaceexploration #viralpost #reelkarofeelkaro  #hindifacts #ज्ञान #ब्रह्मांड #ScienceInHindi #universeinhindi

नाराज उसी से होना चाहिए

  नाराज उसी से होना चाहिए  जो तुम्हारी अहमियत समझता हो.. जिसे फर्क पड़े तुम्हारे चुप होने से,  तुम्हारे रोने से जो तुम्हारे एहसासों की कदर करता हो.. वही तुम्हारे खामोश लफ्जो को सुन पाएगा जिसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता,  उसके लिए तुम्हारी नाराजगी  एक खामोशी बनकर रह जाएगी इसीलिए गुस्सा उसी पे जाया करो  जो तुम्हें खोने से डरता हो  जो तुम्हें मनाने के लिए वक्त निकालता हो.. क्योंकि नाराजगी वहीं मायने रखती है,  जहां रिश्तों की कद्र होती है...!!😥💯

जंगल से सड़क गुज़री… #aazaadbhanwar #hindipoetry #हिंदी #कविता #hindikavita

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"कवि की वो कविता जिसने हमे अपने आने वाले कल की झलक दिखा दी"    जंगल से सड़क गुज़री,  सड़क से लोग गुजरे,  सड़क किनारे शहर बसा,  दिन महीने साल गुजरे,  धीरे धीरे जंगल गुजर गया,  फिर शहर में बाढ़ आई,  प्रगति को बहा ले गई,  अब परिवर्तन की दरारों से  जंगल फिर झाँक रहा है,  अपनी जमीन वापस मांग रहा है। 

क्यूँ माता पिता की मर्जी के खिलाफ शादी नहीं करनी चाहिए?

एक लड़की की शादी उसकी मर्जी  के खिलाफ एक सिधे साधे लड़के से की जाती है जिसके घर मे एक मां के आलावा और कोई नहीं है। दहेज मे लड़के को बहुत सारे  उपहार और पैसे मिले होते हैं । लड़की किसी और लड़के से बेहद प्यार करती थी और लड़का भी... लड़की शादी होके आ गयी अपने  ससुराल...सुहागरात के वक्त लड़का दूध लेके आता है  तो दुल्हन सवाल पूछती है अपने पति से...एक पत्नी  की मर्जी के बिना पति उसको हाथ लगाये तो उसे बलात्कार  कहते है या हक? पति - आपको इतनी लम्बी  और गहरी जाने की कोई जरूरत नहीं है.. बस दूध लाया हूँ पी लिजीयेगा.. .  हम सिर्फ आपको शुभरात्रि  कहने आये थे कहके कमरे से  निकल जाता है। लड़की मन मारकर रह जाती है क्योंकि लड़की चाहती थी की झगड़ा हो ताकी मैं इस गंवार से पिछा छुटा सकूँ । है तो दुल्हन मगर घर का कोई भी काम नहीं करती। बस दिनभर online रहती और न जाने किस किस से बातें करती मगर उधर लड़के की माँ बिना शिकायत के दिन भर चुल्हा चौका से लेकर घर का सारा काम करती मगर हर पल अपने होंठों पर मुस्कुराहट लेके फिरती ।  लड़का एक कम्पनी मे छोटा सा मुलाजीम ह...

प्रेमानंद जी महाराज का भारत की ल़डकियों पर कटाक्ष

 प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में आजकल के युवाओं के चरित्र को लेकर कुछ ऐसा कह दिया है जो अब सुर्खियों में आ गया है। उन्होंने कहा कि बहुत चुनिंदा लड़कियां ही होंगी जो पवित्र जिंदगी बिताते हुए अपने पति के प्रति समर्पित होती होंगी। उनका एक वीडियो सामने आया है जिसमें वो बता रहे हैं कि आजकल की शादियां लंबी क्यों नहीं टिक रहीं। प्रेमानंद महाराज ने कहा कि 'ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि आज युवाओं का चरिण पवित्र नहीं है। पहले की महिलाओंं का रहन सहन देखो, कैसे कपड़े पहनती थीं और आजकल की लड़कियों को देखो'। युवाओं के चरित्र पर बोले प्रेमानंद महाराज प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा- "आजकल की लड़कियों को देखो, एक से ब्रेकअप, दूसरे से पैचअप, फिर दूसरे से ब्रेकअप, तीसरे से पैचअप, कैसे शुद्ध होगा। चार होटल का खाना खाने की जुबान को आदत हो गई है तो घर का खाना कैसे अच्छा लगेगा, ऐसे ही जब चार पुरुष से मिलने की आदत पड़ गई तो एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं रहेगी"। उन्होंने आगे मर्दों को लेकर भी कहा कि "जो 4 लड़कियों से व्यभिचार करता है, वो अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रहेगा, उसे 4 से व्यभ...

पति और पत्नी का मधुर संबंध

 पत्नी का देहांत हुए 15 दिन हो चुके थे लोगों का आना जाना अब बन्द हो गया था। वह अकेला बैठा पुरानी यादों में खोया था कि अचानक उसे पत्नी का लिखा पत्र मिला। पत्र में लिखा था- प्रिय पतिदेव               मुझे पता चल चुका है कि मुझे कैंसर है और वह भी अंतिम स्टेज में चल रहा है। मैं यह भी जानती हुँ कि मेरे पास अब बहुत कम दिन बचे हैं।          मुझे यह भी पता है कि आपने मेरे इलाज में अपनी सारी जमापूंजी खर्च कर दी है।सारे गहने बिक चुके हैं। कितनी मेहनत से बचत कर के जो प्लॉट हमने खरीदा था वह भी मेरी बीमारी की भेंट चढ़ चुका है।        आप क्या समझते थे कि आप यदि ये सारी बातें मुझे नहीं बताओगे तो क्या मुझे पता नहीं चलेगा?           मैं आपकी अर्धांगिनी हूँ। मैंने जिंदगी के 12 साल आपके साथ गुजारे हैं। मैं आपके चेहरे को पढ़कर जान जाती हूँ कि आप किस हालत में हो मगर मेरी मजबूरी तो देखिए कि मैं आपके आंसू भी नही पोंछ सकती।            आप अकेले में जब रोते हो तब छुप कर देख...

सरस्वती नदी का खोया हुआ रास्ता मिला

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 सरस्वती नदी का खोया हुआ रास्ता मिला! राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने एक चौंकाने वाली खोज की है। बहज गांव में खुदाई के दौरान वैज्ञानिकों को ज़मीन के 23 मीटर नीचे एक सूखी नदी का निशान मिला है। माना जा रहा है कि यह वही पौराणिक सरस्वती नदी है, जिसका उल्लेख ऋग्वेद और महाभारत जैसे ग्रंथों में मिलता है। यह सिर्फ एक नदी का ट्रैक नहीं है—बल्कि इतिहास की एक खोई हुई परत है। इस जगह से 5500 साल पुराने मिट्टी के बर्तन, धातु उपकरण, यज्ञ कुंड और प्राचीन मूर्तियाँ भी मिली हैं। ये सभी अवशेष इस बात के गवाह हैं कि यहां कभी एक समृद्ध सभ्यता रही होगी, जो इस नदी के किनारे फली-फूली थी। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह नदी कभी हिमालय से निकलकर राजस्थान होते हुए गुजरात तक बहती थी और अरब सागर में मिल जाती थी। आज यह नदी तो नहीं रही, लेकिन उसके निशान रेत के नीचे आज भी ज़िंदा हैं। यह खोज यह साबित करती है कि सरस्वती कोई कल्पना नहीं, बल्कि भारत की भूगर्भीय और सांस्कृतिक विरासत का एक सच्चा हिस्सा रही है।

क्या प्लूटो हमारे सौरमंडल का अंत

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  क्या आपको लगता है कि प्लूटो हमारे सौरमंडल का अंत है? बिलकुल नहीं। ग्रहों से बहुत दूर ऊर्ट क्लाउड है—सूर्य के चारों ओर एक विशाल, बर्फीला आवरण, जो 1,00,000 AU तक फैला है। यह इतना दूर है कि प्रकाश को भी इसके किनारे तक पहुँचने में एक वर्ष से ज़्यादा समय लगेगा। यह रहस्यमय क्षेत्र दीर्घ-अवधि धूमकेतुओं का स्रोत माना जाता है और वह सीमा रेखा है जहाँ सूर्य का गुरुत्वाकर्षण अभी भी प्रभावी है। हालाँकि इसे कभी प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा गया है, लेकिन विज्ञान और गणित इसके अस्तित्व की पुष्टि करते हैं।...

ताइवान के एक विज्ञान शिक्षक :- चेन केन यिंग

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  ताइवान के एक विज्ञान शिक्षक "चेन केन यिंग (Chen Kuen Yung)" अपनी ब्लैकबोर्ड आर्ट के लिए दुनियाभर में मशहूर हो चुके हैं। वे विज्ञान (विशेष रूप से शरीर रचना, भौतिकी और जीवविज्ञान) को इतनी **दृश्यात्मक और कलात्मक शैली** में पढ़ाते हैं कि उनकी कक्षा किसी आर्ट गैलरी जैसी लगती है। 🔍 प्रमुख तथ्य: 1. स्थान    वह ताइवान के "चिएह ताई हाई स्कूल (Chien Tai High School)" में पढ़ाते हैं। 2. विशेषता    वे हर लेक्चर के लिए ब्लैकबोर्ड पर "हैंड-ड्रॉउन डायग्राम्स" बनाते हैं — जैसे हड्डियों की संरचना, मांसपेशियों का ढांचा, न्यूट्रॉन संरचना आदि — और यह सब "सिर्फ चॉक और स्केल" से करते हैं। 3. सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि    उनकी ब्लैकबोर्ड आर्ट की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुई हैं। "Twitter, Instagram, और Facebook" पर हजारों लोगों ने उन्हें सराहा है। 4. लक्ष्य    उनका उद्देश्य सिर्फ पढ़ाना नहीं, बल्कि छात्रों को "विज्ञान से जोड़ना और उसमें रुचि जगाना" है।

मौसम और प्रकृति के परिवर्तन का कारण

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  पृथ्वी के ध्रुव लगभग एक मीटर खिसक गए हैं और यह सिर्फ़ ग्लेशियरों के पिघलने की बात नहीं है। मानव निर्मित बाँध सचमुच ग्रह के घूमने के तरीके को बदल रहे हैं। एक चौंकाने वाले नए अध्ययन ने कुछ ऐसा उजागर किया है जिसकी कल्पना बहुत कम लोग कर सकते हैं: विशाल मानव निर्मित बाँधों के निर्माण, जो खरबों टन पानी को रोकते हैं, ने वास्तव में 1990 के दशक से पृथ्वी के भौगोलिक ध्रुवों को लगभग एक मीटर तक खिसका दिया है। ये बदलाव सैद्धांतिक नहीं हैं, ये भौतिक रूप से मापने योग्य हैं, जो हमारे ग्रह की सतह पर द्रव्यमान के नाज़ुक संतुलन को बदल रहे हैं। यह इस प्रकार काम करता है: जब हम जलाशय बनाते हैं और उस पानी को रोकते हैं जो सामान्यतः महासागरों और महाद्वीपों में स्वतंत्र रूप से बहता है, तो हम विशिष्ट स्थानों पर भारी भार केंद्रित कर देते हैं। समय के साथ, द्रव्यमान का यह सूक्ष्म लेकिन शक्तिशाली पुनर्वितरण पृथ्वी की पपड़ी पर खिंचाव डालता है, जिससे ग्रह के घूर्णन अक्ष की वह अदृश्य रेखा बदल जाती है जिसके चारों ओर वह घूमता है। पहले, इन बदलावों के लिए मुख्यतः पिघलते ग्लेशियरों को ज़िम्मेदार ठहराया जाता था, लेकिन...

माउंट एवरेस्ट स्थिति विस्तार : क्या है माउंट एवरेस्ट पर्वत का रहस्य...

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 पहली नज़र में माउंट एवरेस्ट जो पृथ्वी का सबसे ऊँचा पर्वत है, अपनी 29,032 फीट (8,848 मीटर) ऊँचाई के साथ अविश्वसनीय रूप से ऊँचा लगता है। लेकिन जैसे ही आप महासागर की गहराइयों में उतरते हैं, आपको इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली गहराई मिलती है। मारियाना ट्रेंच, जो पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित है, लगभग 35,760 फीट (10,900 मीटर) की गहराई तक जाती है। यानी यह एवरेस्ट की ऊँचाई से भी ज़्यादा गहरी है। कल्पना कीजिए, अगर आप माउंट एवरेस्ट को उल्टा घुमा कर समुद्र में डाल दें, तो भी उसका शिखर मारियाना ट्रेंच के सबसे गहरे बिंदु तक नहीं पहुँच पाएगा। 🌊 समुद्र की गहराई आज भी पृथ्वी के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। हमने मंगल ग्रह की सतह के बारे में जितना जाना है, उससे कहीं कम हमारी जानकारी अपने ही महासागरों की गहराइयों के बारे में है।

‘हर व्यक्ति की 4 पत्नियां होनी चाहिए’

  ‘हर व्यक्ति की 4 पत्नियां होनी चाहिए’  #बुद्ध के अनुसार किसी व्यक्ति की एक नहीं,  दो नहीं, बल्कि 4 पत्नियां होनी चाहिए।  एक समय की बात है,  एक व्यक्ति था जिसकी 4 पत्नियां थीं।  यह उस दौर की बात है जब भारत में एक पुरुष को  एक से अधिक पत्नियां रखने की इजाजत थी।  उसका जीवन काफी अच्छा चल रहा था,  लेकिन परेशानियां भी अधिक दूर नहीं थीं। वह काफी बीमार पड़ गया,  उसकी बीमारी ठीक ना होने की  कगार पर आ गई थी।  अब उसे समझ आ गया था कि  उसकी मृत्यु का समय बेहद नजदीक है।  इस बात का आभास होने पर वह काफी  अकेला और उदास रहने लगा। लेकिन तब उसने हिम्मत करके अपनी पहली  पत्नी से एक प्रश्न किया,  “प्रिय, मेरी मृत्यु काफी नजदीक है,  बहुत जल्द मैं अपना शरीर त्यागकर संसार से  मुक्त हो जाऊंगा।  लेकिन मैं अकेले ही यह सफर  तय नहीं करना चाहता।  मैंने हमेशा तुमसे प्यार किया और  अब भी करता हूं,  क्या तुम मृत्यु के बाद मेरे साथ  चलोगी, जहां भी मैं जाऊं?” इस बात को सुनकर कुछ क्षण के लिए  उस ...

स्टोन बेबी.।। Stone Baby

 वैज्ञानिकों ने एक 73 साल की महिला के पेट में 35 साल पुराना जमा हुआ भ्रूण खोजा... जिसे ‘स्टोन बेबी’ कहा जाता है। यह चौंका देने वाली घटना अल्जीरिया की है, जहाँ एक महिला तेज़ पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुँची। जब डॉक्टरों ने स्कैन किया तो उनके पेट में एक "कैल्सिफ़ाइड फेटस" यानी ऐसा भ्रूण पाया गया जो पत्थर की तरह सख्त हो चुका था। डॉक्टरों ने बताया कि ये स्थिति "लिथोपेडियन" कहलाती है। जब भ्रूण गर्भाशय के बाहर, अक्सर फैलोपियन ट्यूब में विकसित होता है और फिर उसकी मौत हो जाती है, तब शरीर उसे पूरी तरह से सोख नहीं पाता। ऐसे में शरीर उस मरे हुए भ्रूण को कैल्शियम की परत से ढक देता है ताकि कोई नुकसान न हो — और वो भ्रूण धीरे-धीरे पत्थर जैसा बन जाता है। सबसे हैरानी की बात ये रही कि उस महिला को 35 साल तक इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था। ये बहुत ही दुर्लभ स्थिति होती है, जो केवल लगभग 0.0054% गर्भधारण में ही देखने को मिलती है। आमतौर पर ऐसे मामलों में किसी भी तरह के लक्षण नहीं होते और यह किसी दूसरी बीमारी के लिए कराए गए स्कैन में अचानक सामने आता है। यह मामला इंसानी शरीर की एक अ...

प्रेमानंद जी महाराज के पास आए एक व्यक्ति की कहानी:

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**कथा: "सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता"**

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**कथा: "सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता"** बहुत समय पहले की बात है। द्वारका नगरी के राजा भगवान श्रीकृष्ण थे, जो न्याय, प्रेम और करुणा के प्रतीक माने जाते थे। वे केवल एक राजा नहीं थे, बल्कि ईश्वर के अवतार थे। उसी समय, एक दूर गाँव में एक निर्धन ब्राह्मण रहता था — उसका नाम था सुदामा। सुदामा और श्रीकृष्ण बचपन के मित्र थे। वे दोनों गुरुकुल में एक साथ पढ़ते थे। बाल्यावस्था में उन्होंने अनेक दिन एक साथ बिताए थे — एक ही थाली में भोजन किया, एक ही आसन पर बैठे और अनेक बार जंगल से लकड़ियाँ लाए। लेकिन जीवन की राहें उन्हें अलग कर गईं। श्रीकृष्ण द्वारका के राजा बन गए और सुदामा एक साधारण गृहस्थ ब्राह्मण रह गए। सुदामा की पत्नी सुशीला अत्यंत धार्मिक और पतिव्रता स्त्री थी। समय बीतता गया और गरीबी ने सुदामा के घर को पूरी तरह घेर लिया। कभी-कभी तो उनके घर में अन्न का एक दाना भी नहीं होता। लेकिन सुदामा हमेशा ईश्वर का भजन करते रहते, उन्हें किसी बात का दुख नहीं होता। वे कहते, “जो भी होता है, भगवान की इच्छा से होता है। जो देगा, वही कृष्ण देगा।” लेकिन पत्नी को यह सब सहन नहीं होता। एक दिन उसने सुदामा से क...

पवित्र रीढ़ की वापसी:जैकब की सीढ़ी,33 कशेरुकाएँ, और मसीह का पुनरुत्थान, कुंडलिनी कोड: प्रकाश का सर्प

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  पवित्र रीढ़ की वापसी: जैकब की सीढ़ी, 33 कशेरुकाएँ, और मसीह का पुनरुत्थान हमारे भीतर एक रीढ़ उभर रही है। सिर्फ़ जैविक नहीं, बल्कि ईथर की सीढ़ी - आंतरिक जैकब की सीढ़ी जो हमारे आदिम कुंडल को सर्वोच्च स्मरण के प्रकाश से जोड़ती है। और हम चढ़ना शुरू कर रहे हैं। यह लेख पुल पर चलने वालों के लिए एक जीवंत स्क्रॉल है, जो न केवल कुंडलिनी रहस्यों और रीढ़ की हड्डी की सक्रियता को याद करता है, बल्कि पुनरुत्थान के अर्थ को पुनः प्राप्त करता है। जैकब की सीढ़ी: शरीर में एक सीढ़ी बाइबिल की कहानी जैकब के सपने में स्वर्ग तक पहुँचने वाली एक सीढ़ी को दर्शाती है, जिसमें स्वर्गदूत धरती और आकाश के बीच चढ़ते और उतरते हैं। लेकिन यह दृष्टि केवल दिव्य पहुँच के लिए एक रूपक नहीं थी। यह एक रहस्यमय पुल के रूप में मानव रीढ़ का रहस्योद्घाटन था: 33 कशेरुकाएँ, जड़ से मुकुट तक चढ़ती हुई, एक दिव्य सीढ़ी। प्रत्येक कशेरुका एक द्वार है। प्रत्येक द्वार, एक स्मृति। उठने के लिए, हमें याद रखना चाहिए। कुंडलिनी कोड: प्रकाश का सर्प रीढ़ की हड्डी के आधार पर, कुंडलित सर्प प्रतीक्षा करता है। पूर्वी परंपराओं में कुंडलिनी के रूप में ...

"हनुमान जी का चमत्कार" एक सच्ची घटना || भक्ति मे शक्ति का एक और उदाहरण

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एक सत्य घटना जो किसी ने नहीं बताया है✍️✍️  मंदिर परिसर में लगे ठंडे पानी की मशीन के पास बैठा एक छोटा सा वानर मुंह में दो बिजली के तारों को लिए चबाए जा रहा था, मानों कोई फल हो। पूरा मंदिर खाली करा लिया गया था, एक एक श्रद्धालु और एक एक दर्शनार्थी। केवल पुलिस बल और बम निरोधक दस्ता वहां उस समय हनुमान गढ़ी मंदिर के भीतर था, और वे सभी के सभी उस छोटे से वानर को बिजली का तार चबाते हुए देख रहे थे। पर मंदिर पूरा खाली क्यों था और पुलिस के साथ में बम निरोधक दस्ता वहां क्या कर रहा था? इसे थोड़े से में बता रहा हूं क्योंकि 1998 में घटी ये सत्य घटना आज तक किसी अखबार या न्यूज चैनल में ये घटना दिखाई नही गई है अयोध्या के अति संवेदनशील होने के कारण। साल 1998 में करीब बीस किलो आरडीएक्स अयोध्या में आने की खबर उत्तरप्रदेश की एसटीएफ यानी विशेष पुलिस दस्ते को लगी थी, जिसमे से अधिकांशतः आरडीएक्स को समय रहते पुलिस की मुस्तैदी से जब्त कर लिया गया और अयोध्या में किसी प्रकार का धमाका नही हुआ। परन्तु एक आतंकी बम निरोधक दस्ते का भेष बनाकर अयोध्या के सबसे प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर में घुस गया और उसने टाइमर सेट करक...

प्रयाग राज महाकुंभ की महिमा

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  प्रयाग राज महाकुंभ की महिमा महाकुंभ को बदनाम करने की झूठी वीडियो बनाने वाले 54 सोशल मीडिया अकाउंट पर FIR दर्ज की गयी है साज़िशों पर आस्था आज भी भारी है,  तभी तो कुम्भ मे करोडों लोगों का स्नान आज भी जारी है। प्रयागराज के संगम में आकर महाकुंभ के इस अद्भुत दृश्य का हिस्सा बनना एक अविस्मरणीय अनुभव है। महाकुंभ 🔱 ये एक ऐसी अनुभूति है जो शब्दों से व्यक्त नहीं की जा सकती…. जो यहाँ आया ,बस वही इसको महसूस कर पाया । हर हर महादेव  हर हर गंगे महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ के कारण, प्रशासन ने दारागंज रेलवे स्टेशन और संगम जंक्शन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। प्रयागराज महाकुम्भ में 24 जनवरी 2025 को हुए  ड्रोन शो की कुछ तस्वीरें...

हनुमान जी को पसन्द है यह मंत्र, अगर आप इस मंत्र का रोज जाप करते हैं तो हनुमान जी आपसे अवश्य प्रसन्न होंगे

 हनुमान जी को पसन्द है यह मंत्र, मंत्र है चमत्कारी,  अगर आप इस मंत्र का रोज जाप करते हैं तो हनुमान जी आपसे अवश्य प्रसन्न होंगे जानिये क्या है वो मंत्र : राम रामेति रामेति रमै रामे मनोरमे सहस्त्र नाम ततुल्यं  श्री राम नाम वरानने। इस मंत्र की रचना स्वयं महादेव जी ने की थी।